विजयवाड़ा में कृष्णवेणी संगीता नीरजनम 2025, तेलुगु संगीत–कला और स्थानीय कारीगरों को राष्ट्रीय मंच

Fri 05-Dec-2025,05:44 PM IST +05:30

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विजयवाड़ा में कृष्णवेणी संगीता नीरजनम 2025, तेलुगु संगीत–कला और स्थानीय कारीगरों को राष्ट्रीय मंच
  • कृष्णवेणी संगीता नीरजनम 2025 का तीसरा संस्करण विजयवाड़ा में आयोजित, 98 कलाकारों द्वारा 18 शास्त्रीय प्रस्तुतियों के साथ कर्नाटक संगीत को प्रोत्साहन।

  • महोत्सव के दौरान जीआई-टैग और पारंपरिक शिल्प प्रदर्शनी, वोकल फॉर लोकल को समर्थन देते हुए कारीगरों और बुनकरों को बाजार से सीधा जुड़ाव।

Andhra Pradesh / Vijayawada :

विजयवाड़ा/ भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से, तथा आंध्र प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की सहायता से विजयवाड़ा में कृष्णवेणी संगीता नीरजनम के तीसरे संस्करण का आयोजन 6 और 7 दिसंबर 2025 को किया जा रहा है। यह आयोजन दक्षिण भारत की संगीत परंपरा के संरक्षण एवं प्रचार के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस वर्ष की थीम “तेलुगु संगीत परंपराओं की समृद्धि का उत्सव” आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने और विजयवाड़ा को कर्नाटक संगीत का प्रमुख गंतव्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महोत्सव का उद्घाटन आंध्र प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री कंडुला दुर्गेश द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर विजयवाड़ा के निर्वाचित प्रतिनिधि और भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय (दक्षिण) को आयोजन की योजना, समन्वय और संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

दो दिनों के इस संगीत महोत्सव में 98 कलाकारों द्वारा कुल 18 भव्य प्रस्तुतियां दी जाएंगी। मुख्य आयोजन स्थल तुम्मलपल्लीवारी क्षेत्रय्या कलाक्षेत्रम होगा, जहां शास्त्रीय संगीत की विविध विधाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। 7 दिसंबर को सुबह 7 बजे दुर्गा घाट पर पंचरत्न कृतियों का विशेष प्रातःकालीन प्रस्तुतीकरण आयोजित किया जाएगा, जिसका नेतृत्व मल्लाडी बंधु करेंगे। विजयवाड़ा और गुंटूर के सरकारी संगीत महाविद्यालयों के प्राध्यापक और छात्र भी इसमें भाग लेकर महोत्सव के सामुदायिक संगीत स्वरूप को और व्यापक बनाएंगे।

राज्यव्यापी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए तीन पूर्व-समारोह संगीत कार्यक्रम सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मंदिर स्थलों पर आयोजित किए गए, जिनमें 29 नवंबर को श्रीकालहस्ती, 1 दिसंबर को सिंहाचलम और 2 दिसंबर को श्रीशैलम शामिल हैं।

इसके साथ ही महोत्सव स्थल पर आंध्र प्रदेश के पारंपरिक शिल्प और हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें कोंडापल्ली खिलौने, एटिकोपका लाह के बर्तन, उदयगिरि लकड़ी के कटलरी, चमड़े की कठपुतली, नरसापुर लेस और मंगलगिरि, वेंकटगिरि, चिराला, उप्पाडा तथा मोरागुडी वस्त्र प्रदर्शित किए जाएंगे। यह पहल वोकल फॉर लोकल और कारीगर–बुनकर समुदायों को सीधे बाजार से जोड़ने के राष्ट्रीय अभियान को मजबूती देगी।

पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के हितधारक उत्साहपूर्वक इस आयोजन के प्रचार में सहयोग दे रहे हैं। महोत्सव की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रेस संवाद को सुगम बनाने में आंध्र प्रदेश स्टार होटल्स एसोसिएशन (ASHA) की भूमिका की प्रशंसा की गई है।